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पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम पूनम �
मेरा शरीर आज भी बहुत अच्छा है, जैसा मेरे शादी के बग था, मेरे परिवार में ना पैसे की कमी है, ना पालिवारी खुशियों की, मेरे चार बेटियां हैं, जिसमें से दो कॉलेज में और दो बीस, तो कुछ में बाद ही मेरी सीट के पास आकर, एक 20-21 साल के लड
बहुत खुशियों, मेरे जैसे उसकी ख़ाइट, बगर वो जाधा खुशियों नहीं था, बगर एसा साथ है, इसे कभी नहीं हुआ, कि पता नहीं आज क्यों हो रहा था, मतलब मैं उसके तरफ अट्राक्ट हो रही थी, और मन कर रहा था कि इससे बात करो, बगर कैसे, ये स
मैं पर प्रशाँच नहीं आज रहा था, इतने मैं बस कंड़क्टर आया, और जैसे मेरी टिकट बनाई, तो उसने मेरी तरफ देखते के तब भी मेसेज़स किया, फिर हम अलवर पहुँच गया, सुकेश ने मुझे मेरे बाग को तारने में बढ़त की, और सी उवहलते ह�
फिर हम दोनों की मेसेज़स और कॉल भी माते होती थी, मैं सच में बहुत हैरान थे कि मेरी बड़ी पेटी की उम्रे का यह बनदा इतना मिच्चर और समझदार कैसे है, उसकी मिच्चर्टी से मैं बहुत इंप्रेस थी, और मुझे पता ही नहीं चला कभ अमारे दोस्ती प